विक्रम संवत् 1872 आसोज सुदी अष्टमी को जोधपुर किले में मीर खां पठान के आत्मघाती हमलावर दल से वीरतापूर्वक लड़ते हुए तिंवरी के राजपुरोहित गुमानसिंह ने घायल होने के बावजूद मुख्य हमलावरों को मारकर प्राणोत्सर्ग किया।
आज भी मेहरानगढ़ की तलहटी स्थित गुमानसिंह राजपुरोहित के शौर्य स्मारक हैं ।