अनन्त श्रीविभूषित ब्रह्मर्षि ब्रह्माचार्य साक्षात् तपस्या की प्रतिमूर्ति सद्गुरूदेव वेदान्ताशार्य श्री डॉ. ध्यानारामजी महाराज का जीवन परिचय



संत श्री ध्यानारामजी महाराज ka जीवन परिचय

।। जय गुरुदेव ।।

 मित्रों कौन  इस कलयुग में अपना घर छोड ना चाहेगा । आज अपने माता पिता से भिक्षा लेकर वहां तमाम अपनो लोग आपने आप आसु रोक नही सखे । ओर एक प्रकार हमारे खुशी के आसु थे ।

 क्योंकि हमें एक विवेकानंद जी जेसे ज्ञानी ओर विद्वान गुरुदेव हमारे समाज को मिले ओर आपकी जिवनी ।

वेदानान्ताचार्य संत श्री ध्यानारामजी महाराज"

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वेदानान्ताचार्य संत श्री ध्यानारामजी महाराज

जीवनपरिचय --

जन्म -सन् 1981, बावडी कल्ला(जोधपुर) सेवड परिवार

पिता -श्री मान बाबुसिंहजी राजपुरोहित 

माता- श्रीमति सीतादेवीजी 

इन्होनें अपनी प्रारम्भिक शिक्षा शेखासर गाँव से प्राप्त की ,।

प्रभु कृपा से 13 वर्ष की बाल्य अवस्था में आपको गुरू चरणों का आश्रय मिला,अपनें गुरूमहाराज श्री तुलछारामजी की आज्ञा से वेद वेदांतों का अध्ययन करनें के लिए बनारस हिन्दू विश्व विद्यालय ,काशी गये,जहाँ इन्होंनें 20 वर्ष तक घोर साधनामय आध्यात्मिक शिक्षा प्राप्त की ।

गुरूमहाराज श्री तुलछारामजी

इन्होनें बनारस हिन्दू वि.वि. से ब्रह्मशब्द पर PhD. (पीएचडी ) की तथा अपनी अलौकिक प्रतिभा के बल पर संस्कृत भाषा के अलग अलग विषयों में 8 गोल्ड मैडल प्राप्त कर विशेष ख्याति अर्जित की।।

इन्होनें अध्ययन के दौरान थाइलैण्ड सहित कई देशों की यात्रा कर ब्रह्म तत्व पर गहन शोध किया, इसके लिए इन्होनें दक्षिण भारत के 35 छोटे बडे ब्रह्मा मन्दिरों पर भी शोधपत्र प्रस्तुत किये।।

वैदिक साहित्य, ब्राहमण ग्रथों ,उपनिषदों का गहन अध्ययन के साथ अपनी शिक्षा पुरी की।

सन् 2012 में माँ गंगा के पावन तट पर गुरुमहाराज तुलछारामजी के सानिध्य में आपकी गुरू मंत्र दीक्षा सम्पन्न हुई।।

उसके बाद से आप गुरू चरणों की सेवा तथा समाज उत्थान में कार्यों में लगे हुए है , समाज में व्याप्त कुरीतियों ,नशामुक्ति ,दहेज,तथा शिक्षा सुधार सहित बालिका शिक्षा को विशेष प्रोत्साहन देनें के साथ युवा पीढी में नवीन चेतना का संचार कर समाज को निरन्तर नवीन दिशा प्रदान कर रहे है।।

आप सुसंस्कृत तथा चरित्रवान राष्ट्र के निर्माण के प्रति दृढ संकल्पित है ,इसके लिए आपके सानिध्य में समय समय पर समाज में स्कूलों ,छात्रावासों सहित धार्मिक स्थलों पर सामुहिक संस्कार शिविर आयोजित किये जा रहे है जिसमें हजारों छात्र छात्राएं भाग लेकर उच्च आदर्श सीख रहे है।।

गुरू महाराज तुलछारामजी के पावन सानिध्य में हाल ही के दिनों में इनकी जन्म भौम बावडी गाँव में कुटुम्बयात्रा का आयोजन किया गया ।


अपनें मात पिता से भिक्षा प्राप्त कर हमेशा हमेशा के लिए अपना जीवन प्रभु भक्ति , जीवन गुरू चरणों . समाज और राष्ट्र सेवा के कार्यों में समर्पित किया।।।

ओर आपने राजपुरोहित समाज को नशा मुक्त कर समाज को   एक नयी दिशा प्रदान कर दि हैं ।

सुरेश राजपुरोहित ईटवाया

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