डाॅ राजपुरोहित साहित्य अकादमी के सर्वोच्च पुरस्कार से पुरस्कृत

अकादमी सचिव के. श्रीनिवास राव ने बताया कि पुरस्कार के अंतर्गत डाॅ.राजपुरोहित को एक लाख रुपए का चेक, प्रशस्ति-पत्र, ताम्र फलक एवं श्रीफल प्रदान कर पुरस्कृत किया गया। ज्ञातव्य है कि साहित्य अकादमी की ओर से पिछले महीने 24 भारतीय भाषाओं में सर्वश्रेष्ठ रचनाओं का चयन किया गया, जिसमें वर्ष 2023 के लिए राजस्थानी भाषा - साहित्य की काव्यकृति ' पळकती प्रीत ' का चयन किया गया था ।
काव्यकृति 'पळकती प्रीत' कोराना काल के दरम्यान डाॅ. गजेसिंह राजपुरोहित द्वारा लिखी गई राजस्थानी काव्यकृति मध्यकालीन प्रेमाख्यान पर आधारित है, जिसमें मूमल- महेन्दरो, ढोला-मारु, जेठवा-ऊजळी, बाघो-भारमली, नरबद- सुपियारदे, सैणी-बीझाणंद, आभल- खींवजी, नागजी-नागवती, जलाल- बूबना, सोरठ - बींझौ, केहर- कंवळ जैसे सुप्रसिद्ध इग्यारह प्रेमाख्यानों को पहली बार नव बोध, मानवीय संवेदना तथा आधुनिक दृष्टी से प्रबंध काव्य में रचा गया है।

सुरेश राजपुरोहित ईटवाया

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