काव्यकृति 'पळकती प्रीत' कोराना काल के दरम्यान डाॅ. गजेसिंह राजपुरोहित द्वारा लिखी गई राजस्थानी काव्यकृति मध्यकालीन प्रेमाख्यान पर आधारित है, जिसमें मूमल- महेन्दरो, ढोला-मारु, जेठवा-ऊजळी, बाघो-भारमली, नरबद- सुपियारदे, सैणी-बीझाणंद, आभल- खींवजी, नागजी-नागवती, जलाल- बूबना, सोरठ - बींझौ, केहर- कंवळ जैसे सुप्रसिद्ध इग्यारह प्रेमाख्यानों को पहली बार नव बोध, मानवीय संवेदना तथा आधुनिक दृष्टी से प्रबंध काव्य में रचा गया है।