10वीं पास की आय 28 लाख

इटवाया, बाड़मेर। इटवाया-पादरू गांव केे किसान हस्तीमल राजपुरोहित। 10वीं तक पढ़े-लिखे। लेकिन, सालाना आय 28 लाख से ज्यादा । इस किसान को फर्श से अर्स तक पहुंचाने

का काम किया है अनार की खेती ने। मजे की लिररूण का उबर _. हू. जज रू का - रूचबका बात यह है कि यह किसान वर्ष 2014 में अनार की खेती से जुड़ा था। इससे पहले परम्परागत फसलो की खेती से सालाना ढाई से तीन लाख रूपये कमाता था। उन्होंने बताया कि परिवार के पास 100 एकड़ जमीन है। वर्ष 2014 में दूसरे किसानो को देखते हुए मैने भी अनार की खेतीी का मन बनाया । क्षेत्र के एक किसान के मार्गदर्शन में अनार की खेती का श्रीगणेश किया  चार साल पूर्व लगाएं अनार के बगीचा अब उत्पादक बन चुका है। आपको बता दें कि इस किसान ने शुरूआत में दो हैक्टयर क्षेत्र में बगीचा लगाया
था।
करीब 1500 पौधो से दो वर्ष पूर्व उत्पादन मिलना शुरू हुआ। अक्सर कहा जाता है शुरूआत में भाव अच्छे नहीं मिलते। लेकिन,किसान ने अपनी सूझ-बूझ का परिचय देते हुए प्रथम वर्ष में ही 28 लाख रूपये की आय लेकर क्षेत्र के दूसरे किसानों को चौका दिया। उन्होंने बताया कि मैने फल की गुणवत्ता बढ़ाने पर फोकस किया। इस कारण फल के बाजार भाव भी अच्छे मिले। इससे इतनी आय संभव हुई । इस आय से उत्साहित होकर 25 एकड़ जमीन अनार की खेती के नाम कर चुका हूँ। खेतो में करीब 6 हजार पौधे अनार के लहलहा रहे है। बगीचे में सिंचाई ड्रिप से कर रहा हूँ। उन्होंनेबताया कि अनार की खेती में समय-समय पर बाग का प्रबंधन ही लाभ की कुंजी है।

परम्परागत फसलेो में यह

उन्होंने बताया कि परम्परागत फसले में अरंडी, जीरा, सरसों, बाजरा, ईसबगोल, ग्वार, मूंग, मोठ सहित दूसरी फसलो का उत्पादन लेता हूँ। सिंचाई के लिए मेरे पास दो ट्यूबवैल है। बढ़ती जलमांग को पूरा करने के लिए फार्मपैण्ड निर्माण की दिशा में कदम बढ़ा दिए है। परम्परागत फसलो से सालाना
ढ़ाई से तीन लाख रूपये की आय हो रही है। उन्नत पशुपालन

पशुधन में मेरे पास 2 गाय और 10 भैंस है। इससे बगीचों के लिये गोबर की खाद मिल जाती है। वहीं, परिवार को पोषण के लिये दूध, घी और दूसरे उत्पाद। उन्होंने बताया कि दुग्ध का विपणन डेयरी को करता हूँ। प्रतिदिन 25-30 लीटर दुग्ध का उत्पादन होता है। दुग्ध विपणन से प्रतिमाह 8-10 हजार रूपये की शुद्ध बचत मिल जाती है।

सुरेश राजपुरोहित ईटवाया

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