राजस्थान के पत्रकार दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी का मामला तूल पकड़ने लगा है...
दुर्ग सिंह राजपुरोहित की गिरफ्तारी कोर्ट के निर्देश पर हुई है...
लेकिन सवाल बिहार और राजस्थान पुलिस के काम पर उठ रहे हैं..
.इधर,विभिन्न पत्रकार संगठनों और सर्व समाज की ओर से गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को मौन जुलूस निकाला गया।
इधर, पटना में विशेष न्यायाधीश विशुनदेव उपाध्याय की अदालत से जारी गिरफ्तारी वारंट के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को दुर्गसिंह को न्यायालय में पेश किया। यहां जमानत अर्जी खारिज कर कोर्ट ने दुर्ग सिंह राजपुरोहित को 1 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है...
वही राजपुरोहित का कहना है की वे राजस्थान से बिहार कभी आए ही नहीं. फिर भी पटना की अदालत ने गिरफ्तारी का वारंट जारी किया और पटना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
भाई दुर्ग सिंह राजपुरोहित पिछले 18 वर्षों से पत्रकारिता कर रहें है. लेकिन वो भी नहीं समझ पा रहें है कि जब वो कभी राजस्थान से बिहार आए ही नहीं तब किस बिनाह पर उनके खिलाफ अनसूचित जाति-जनजाति कानून के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया.
बताया जा रहा है कि इस मामले में वो किसी राजनीतिक साजिश का शिकार हुए हैं, जिसका खुलासा होना अभी बाकी हैं.।
अगली गुरुवार को इस पर सुनवाई होगी।
जानिये किसने क्या कहा