काम ने बढ़ाया कद, इसलिए मिला राजपुरोहित को जोधपुर

लोकसभा उपचुनाव में राजन पविशाल के बाद अलवर में कलेक्टर पद पर प्रकाश राजपुरोहित को लगाया गया था।

राजपुरोहित को अब जोधपुर कलेक्टर लगाया है। जोधपुर पोस्टिंग होने के कारणों में एक बड़ा कारण इनकी बेहतर कार्यशैली रहा है। सीएम के जिले में पोस्टिंग होने के पीछे बड़ी वजह यह रही कि प्रकाश राजपुरोहित अलवर में ऐसे पहले कलेक्टर रहे जिन्होंने कुर्सी संभालते ही सबसे पहले उस प्लेट को अपने दफ्तर के बाहर से हटवा दिया था जिस पर जनसुनवाई के लिए 2 से 3 बजे का समय निर्धारित किया हुआ था। इनकी सोच थी कि अधिकारी जितने भी समय कार्यालय में है आमजन की समस्याओं के निस्तारण के लिए ही है। इसलिए इन प्लेटों का कोई मतलब नहीं रह जाता। उन्होंने इसे उतरवाकर बाहर रखवा दिया। दूसरा वे शनिवार व रविवार को भी अक्सर कार्यालय में ही समय देते थे। शायद ही कोई ऐसा दिन रहा हो जिसमें किसी विभाग से आने वाली फाइल अगले दिन के लिए छोड़ी हो। अब तक एक बार भी कोई फाइल घर खुद के साथ लेकर नहीं जाने वाले कलेक्टरों में प्रकाश राजपुरोहित का नाम है। कलेक्टर की समस्या निस्तारण की गति भी बहुत तेज थी। कोई भी समस्या लेकर आने वाले का पूरा रिकॉर्ड कलेक्ट्रेट में रहता था। खुद प्रकाश परिवादी को समस्या के निस्तारण का समय देने के साथ संबंधित अधिकारी को भी समय देते थे। निर्धारित समय में दोनों से खुद फोन करके पूछ लेते थे कि समस्या का स्टेटस क्या है। समाधान हुआ या नहीं। यही कारण रहा कि कलेक्ट्रेट में कलेक्टर से मिलने के इंतजार में सोफे और कुर्सियां लगभग हर समय खाली ही दिखी। उनका पूरा समय आमजन से मिलने का रहता था। 

सुरेश राजपुरोहित ईटवाया

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