93 वर्षीय वृद्धा जमनादेवी पत्नी लालाराम पुरोहित को मुआवजा दिलवाने के बहाने करा ली पड़ोसी ने करा ली खेत की रजिस्ट्री अपने नाम ।

93 वर्षीय वृद्धा को बाढ़ का मुआवजा दिलवाने के बहाने करा ली खेत की रजिस्ट्री


93 वर्षीय वृद्धा जमनादेवी पत्नी लालाराम पुरोहित की में गवाही देने वाले भी गांव के बजाय सांचौर के

जैताराम विश्नोई

चितलवाना. कहते हैं मुसीबत में अपनों या सगे-संबंधियों से ज्यादा पड़ोसी व मित्र ही काम आते हैं, लेकिन देवड़ा गांव में एक पड़ोसी ने ही बेसहारा वृद्धा का विश्वास जीतकर उसके साथ दगा कर दिया। हम बात कर रहे हैं देवड़ा गांव में रहने वाली 93 वर्षीय वृद्धा जमनादेवी पत्नी लालाराम पुरोहित की। इस वृद्धा ने परिवार में पहले पति को खोया और इसके बाद अपने तीनों बेटों को। अब दो पोतों के सहारे जीवन बसर करने वाली इस वृद्धा ने अपने ही पड़ोसी का भरोसा किया तो उसने बाढ़ का मुआवजा दिलवाने के बहाने उसकी जमीन हथिया ली। उम्र के इस पड़ाव में अब उसे अपनी जमीन के लिए पुलिस थाने व कोर्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। हालत यह है कि वह ठीक से सुन और बोल तक नहीं पाती। विधवा जमनादेवी के दो पौते हैं, जिन्हें उसने मजदूरी कर बड़ा किया। वहीं बीते साल आई बाढ़ में इस वृद्धा का खेत खराब होने के बाद मुआवजा नहीं मिला तो उसने पड़ोसी को अपनी पीड़ा जाहिर की। इस पर पड़ोसी ने धोखे से इस वृद्धा को तहसील ले जाकर मुआवजा दिलाने की बात कहते हुए बहु के नाम से रजिस्ट्री करवा ली।
पोते को पता चला तो दर्ज कराया मामला
देवड़ा निवासी जमनादेवी के पड़ोसी की ओर से धोखे से उसकी बहु देवड़ा निवासी जमनादेवी पत्नी हरदाराम कलबी व मंजूदेवी पत्नी शंकराराम कलबी के नाम पर खेत की रजिस्ट्री करवाने की जानकारी जब पोते को मिली तो वह दादी को अपने साथ झाब थाने ले गया। जहां उसने बाढ़ का मुआवजा दिलवाने के नाम पर धोखे से रजिस्ट्री कराने को लेकर देवड़ा निवासी जमनादेवी पत्नी हरदाराम कलबी, मंजूदेवी पत्नी शंकराराम कलबी, हरदाराम पुत्र मालाराम, शंकराराम पुत्र उदाराम, सांचौर निवासी वजाराम पुत्र रामाराम व अखाराम पुत्र वगताराम के खिलाफ मामला दर्ज कराया।
इस तरह एक-एक कर बिखरा परिवार
देवड़ा निवासी इस वृद्धा के पति लालाराम की 60 साल पहले चेचक निकलने से मौत हो गई। वहीं वृद्धा के तीन बेटों में से पहले बेटे बालकराम ने 40 साल पहले जीवित समाधि ले ली। वहीं दूसरे बेटे चम्पाराम की 20 साल पहले बुखार से मौत हो गई। इन दोनों बेटों की कोई संतान नहीं थी। जबकि तीसरे बेटे सांवलाराम की ढाई साल पहले गले की बीमारी से मौत हो गई। सांवलाराम के दो बेटे हैं जो अभी इस वृद्धा के साथ रहते हैं। एक पोता करीब 15 वर्ष का है और दूसरा 22 वर्ष का। इन्हीं दो पोतों के सहारे अब वह जी रही है, लेकिन उम्र के इस अंतिम पड़ाव में बची खुची जमीन भी पड़ोसी ने धोखे से हथिया ली। ऐसे में वृद्धा को जमीन के लिए पुलिस थाने व र्कार्ट के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं।
रजिस्ट्री पर भी सवाल
देवड़ा निवासी जमनादेवी आंखों से बराबर देख तक नहीं पाती है। वहीं उसे जोर से आवाज लगाने पर ही सुनाई देता है। ऐसी हालत के बावजूद उप पंजीयक कार्यालय में उसके खेत की रजिस्ट्री करवा दी गई। जबकि दोनों पोते भी उस समय उसके साथ नहीं थे। ऐसे में बिना वारिसदारों के की गई यह रजिस्ट्री भी कई सवाल खड़े कर रही है। इसके अलावा रजिस्ट्री में जिन दो लोगों की गवाही दी गई है, वे दोनों ही सांचौर के हैं।
इनका कहना...
पड़ोसी ने मेरी दादी के नाम की जमीन की रजिस्ट्री बाढ़ का मुआवजा दिलवाने के बहाने तहसील में ले जाकर करवा दी। इसकी जानकारी मिलने पर हमने पड़ोसी व इसमें शामिल लोगों के खिलाफ झाब थाने में मामला दर्ज करवाया है।
प्रथम दृष्टया वृद्धा के साथ धोखाधड़ी कर रजिस्ट्री करवाने का मामला प्रतीत हो रहा है। पोतों की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जांच में सब सामने आ जाएगा।
- अमरसिंह, थानाप्रभारी, झाब
देवड़ा गांव में वृद्धा की जमीन की धोखे से रजिस्ट्री करवाने का मामला फिलहाल मेरे ध्यान में नहीं है। मैं मीटिंग में हूं। इस बारे में पता किया जाएगा।
- मिश्रीमल जैन, तहसीलदार, चितलवाना

सुरेश राजपुरोहित ईटवाया

Previous Post Next Post