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राज्य स्तर पर प्रथम रहने पर मिली पुरस्कार राशि जाडन स्कूल के विकास के लिए दी
शैक्षिक व सह शैक्षिक गतिविधियों के साथ-साथ स्कूल में विकास करा विभिन्न उपलब्धियां प्राप्त करने पर वाले जाडन के पूर्व संस्थाप्रधान रामसिंह सांडिया ने गुरुवार को राज्य स्तर पर मिली पुरस्कार राशि को स्कूल के विकास में देने की घोषणा कर दी। साथ ही उन्होंने अपने स्तर पर भी स्कूल में विकास कार्य कराने की घोषणा की। इधर, राज्य स्तर पर प्रथम रहने पर शुक्रवार को डीईओ प्रारंभिक में उनका स्वागत भी किया गया। गौरतलब है कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने गुरुवार को दीक्षांत समारोह में वर्तमान में प्रारंभिक शिक्षा में एडीईओ व तात्कालिक जाडन प्रिंसीपल रामसिंह राजपुरोहित को राज्य स्तर पर श्रेष्ठ स्कूल के अवार्ड से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार वर्ष 2014 में उपलब्धियों के आधार पर जिले की माध्यमिक स्तर की स्कूलों में श्रेष्ठ रहने पर दिया गया। इसमें 75 हजार की राशि व प्रशस्ति देकर सम्मानित किया गया।
जिले की 4 स्कूलों का राज्य स्तर पर हुआ था चयन
पाली पहुंचने पर राजपुरोहित का स्वागत किया गया।
इन कार्यों के मिला राज्य स्तर पर प्रथम स्थान
विद्यालय प्रशासन
भामाशाह सहयोग व भौतिक विकास
साहित्यक गतिविधियां
सहशैक्षिक गतिविधियां
छात्र कोष का उपयोग
नवाचार
परीक्षा परिणाम
नामांकन
खेल गतिविधियां
यह कार्य करवाए थे जाडन स्कूल में
जाडन स्कूल में प्रिंसिपल रहते हुए 70 लाख से अधिक के विकास कार्य करवाए थे। इनमें से कक्षा-कक्षों का निर्माण, खेल मैदान का निर्माण, कंप्यूटर लैब, इंटरनेट के साथ-साथ पेयजल की सुविधा सहित विभिन्न विकास कार्य करवाएं गए थे। इसके लिए उन्होंने भामाशाहों को प्रेरित भी किया। साथ ही अपने स्तर पर भी कई विकास कार्य करवाए।
70 लाख के विकास कार्य करवाएं अपने कार्यकाल के दौरान पूर्व संस्थाप्रधान रामसिंह सांडिया ने जाडन स्कूल के विकास के लिए जनसहयोग से 70 लाख के विकास कार्य करवाए थे
जिले के चार स्कूल का हुआ चयन
राज्य स्तर पर जाडन, मंडल स्तर पर दोरनड़ी और सिरियारी व जिला स्तर पर मांडा स्कूल श्रेष्ठ रहा
समाजबंधुओं के साथ शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने किया स्वागत
इधर, राज्य स्तरीय पुरस्कार मिलने के बाद एडीईओ रामसिंह का समाजबंधुओं ने माला व साफा पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान सुमेरसिंह बिलाडा, बाबूसिंह सुरायता, संजय सिंह, गोविंदसिंह खैरवा, सोहनसिंह मालपुरिया, सत्यनारायणसिंह पुनाडिय़ा, राजुसिंह सुरायता, राजकुमार सिंह मालपुरिया, गजेंद्रसिंह सहित कई समाजबंधु मौजूद थे।